Posts

प्रतीक्षा 30 वर्ष की

Image
कहा जाता है कि जो फिल्में हम सिनेमा हॉल या घरों में टेलीविजन पर देखते हैं उनमें से कुछ फिल्मों की कहानियां इंसानी जीवन से मिलती-जुलती हैं या किसी सच्ची घटनाओं पर आधारित रहती हैं बस उनके पात्र और घटनाओं की जगह को पर्दे पर परिवर्तित कर दिया जाता है, व्हाट्सएप ,फेसबुक, टि्वटर सोशल मीडिया के चरम युग में यह कहानी  आपको बिल्कुल काल्पनिक लगेगी लेकिन यकीन मानिए इस कहानी के पात्र और यह किस्सा बिल्कुल सत्य घटना पर लिखी जा रही है, कई दिनों से इस घटना को शब्दों के द्वारा आप सब के मन मस्तिक तक पहुंचाने की पुरजोर प्रयास में लगा हुआ था खैर आज वह दिन आ गया है जब मैं आप सबको इस बेहद फिल्मी घटित घटना को आप सब के सामने अपने शब्दों के माध्यम से प्रसारित करने की कोशिश कर रहा हूं, मुझे नहीं पता कि मैं इस घटना को अपने शब्दों के माध्यम से कितना आप सबके समक्ष प्रस्तुत कर पाऊंगा लेकिन एक कोशिश कर रहा हूं, जिन लोगों के साथ यह बुरा दौर गुजरा है वह अभी इस धरा पर मौजूद है मुझे पता है शायद मेरे लेख को पढ़कर उन्हें तकलीफ भी महसूस होगी पर मुझे लगता है की इस कहानी को उन सब तक पहुंचाना भी बेहद जरूरी है, क्यो

जान पर भारी यह महामारी

#CoronaSecondWaveमें विश्व की नंबर वन हेल्थ सेवा कहे जाने वाले इटली और अमेरिका जैसे देश घुटने पर आ गए थे,यह एक महामारी है,गलतियां हुई हैं इसमें संदेह नहीं बहुत संयम और सतर्कता से एक बार फिर से इस को हराया जा सकता है डॉक्टर,पुलिस हॉस्पिटल के हर एक कर्मचारी हर समय कोरोना काल के सम्मुख होकर हमारी आपकी रक्षा कर रहे हैं। जीवन का मोल आप तभी समझ सकते हैं जब आपका कोई अजीज इस लड़ाई में सबसे आगे खड़ा हो ( डॉक्टर पुलिस के रूप में) ऐसी अवस्था में रात की नींद उड़ जाती है हर घड़ी यही डर लगता है कि कहीं फोन बजे और यह सूचना ना आए कि यार मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है कोरोना से लड़ने के लिए और इस हालात से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की गई हालात आपके सामने है हालात क्या है इसका तजुर्बा भी किसी को है नहीं ईश्वर करें तजुर्बा हो भी ना अपनी जान की कीमत समझिए आपकी जान को बचाने के लिए किसी और की जान भी गांव पर रहती है हर वक्त और जान अनमोल होता है जैसे भी करनी है उपाय करिए इस महामारी से बचिए और बचाइए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करिए मास्क लगाइए क्योंकि  चुनाव और कुंभ जैसे आयोजन का हिस्सा आप नहीं है। यह बुरी तस्वी

इस मिट्टी से तिलक करो यह मिट्टी है बलिदान की

Image
हजारों वर्षों तक सनातन धर्म को मानने वाले अनगिनत राम भक्तों के रक्त से सीची हुई और सैकड़ों वर्षो तक न्याय की आस लगाए संपूर्ण धरा पर मौजूद राम भक्तों की बहुप्रतीक्षित राम जन्मभूमि पर दिव्य और भव्य मंदिर निर्माण आस लगाए कितने राम भक्त राम में विलीन हो गए हम और आप और इस भूमंडल पर मौजूद इस काल के अनंत राम भक्तों की आस पूरी होने वाली है सुप्रीम कोर्ट के सुप्रीम फैसले के बाद राम जन्मभूमि पर राम मंदिर का अतुलनीय भव्य राम मंदिर का शुभारंभ हो चुका है। निर्माण होने के साथ ही रामलला के गर्भ ग्रह के आसपास की मिट्टी की खुदाई चल रही है रामलला के जन्म स्थान की मिट्टी को हटाकर के सुरक्षित तरीके से रखा जा रहा है इसके लिए बकायदा दो स्थान चिन्हित किए गए हैं पहला स्थान जन्मभूमि परिसर में ही स्थित कुबेर टीला जहां पर राम जन्मभूमि के स्थान की मिट्टी को रखा जा रहा है, तो दूसरा स्थान कारसेवक पुरम की शाखा रामसेवक पुरम में सुरक्षित रखा जा रहा है और इनकी सुरक्षा के लिए यहां पर 2 लोगों की ड्यूटी भी लगाई गई है जो परिसर की मिट्टियों की देखरेख करेंगे *बलिदान* की मिट्टियों के सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे

देश के किसान नहीं, देश के शैतान हैं उपद्रवी

Image
कल का दिन बेहद दुखदाई दिन रहा। बहुत ही कष्टकारी दिन रहा।हृदय को गहराइयों तक चीर देने वाली घटनाओं ने मन को झकझोर कर रख दिया है। अभी तक के इतिहास में कभी भी इस तरह की कोई घटना नहीं हुई थी। घटनाएं हुई थी जो निंदनीय हैं, लेकिन इस स्तर की घटना को निंदनीय कहना भी निंदनीय होगा। पूरा देश , देश के हर एक गांव , हर एक शहर ,गली-मोहल्ले और हर उस आदमी के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है,जो इस देश की धरा पर रहता है।      कल देश का स्वर्णिम दिवस था। कल गणतंत्र दिवस था। पर सोचिए उसी धरा पर रहने वाले कुछ लोग, जिन्हें किसान कहा जा रहा है। जो इस देश के जनक हैं,जो इस देश के अन्नदाता हैं। तो सोचिए! जो देश के लिए इतने महत्त्वपूर्ण हैं! तो उनके लिए देश का यह दिन कितना महान दिन होना चाहिए। अरे भाई! हम से और आप से ज्यादा बड़ा दिन होना चाहिए ना उनका! अरे वो इस देश के जनक है,अन्नदाता है। तो सोचिये जब देश और देश के जनक का रिश्ता  एक दूसरे का पूरक है और इसमें कोई संदेह भी नहीं होना चाहिए। हमको और आपको अगर वह इस देश के किसान है तो। लेकिन ऐसे कैसे मान लिया जाए कि यह देश के किसान हैं? दुनिया जानती है

मोहम्मद से प्यार,राम से तकरार संत तांडव के लिए तैयार🚩

Image
निर्देशक अली अब्बास जफर की नई वेब सीरीज 'तांडव' 15 जनवरी को रिलीज हुई है और रिलीज के साथ ही विवादों में फंसती चली जा रही है। रिलीज वाले दिन ही सीरीज के एक सीन को लेकर विवाद हुआ है जिसमें मेकर्स पर भगवान राम, नारद और शिव के अपमान का आरोप लगा है। इस मामले में विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया है कि बॉम्बे हाईकोर्ट के वकील आशुतोष दुबे ने अली अब्बास जफर और अमेजन प्राइम वीडियो को लीगल नोटिस तक भेज दिया है वही उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद के नंदकिशोर गुर्जर ने तांडव फिल्म को लेकर मंत्रालय को पत्र लिख कर वेब सीरीज पर तत्काल प्रभाव से बैन लगाने की मांग की और साथ ही डायरेक्टर अली अब्बास, एक्टर सैफ अली खान पर रासुका की मांग की है नंदकिशोर गुर्जर का कहना है कि वेब सीरीज के जरिए सनातन धर्म पर कुठाराघात किया जा रहा है उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ  में भी कल देर शाम हजरतगंज में भी निर्देशक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है लगातार बढ़ते विरोध को देखते हुए। आपको बता दे कि हिंदू देवी देवताओं को लेकर अमर्यादित फ़िल्म वेब सीरीज का यह पहला मामला नहीं है जब सनातन धर्म या हिंदू देवी देवताओं के ऊप

योगी ने दी रामचंद्र हंस को सच्ची श्रद्धांजलि - जन्मभूमि पर राम का मंदिर🚩

Image
अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के पूर्णधार कहे जाने वाले  रामचंद्र परमहंस की समाधि स्थल को भी बनाया जाएगा पर्यटक स्थल  उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अयोध्या आने वाले पर्यटकों और राम भक्तों को राम जन्मभूमि आंदोलन के नायको से परिचित कराने की तैयारी में है। जहां एक तरफ राम जन्मभूमि परिसर में राम जन्मभूमि आंदोलन में शामिल रहे या अपनी जान गवाने वाले कारसेवकों और सक्रिय सदस्यों के नाम लिखा शिला पट लगाने की तैयारी है तो दूसरी तरफ प्रदेश की सरकार अब राम जन्मभूमि आंदोलन के मुखिया और दिगंबर अखाड़े के महंत रामचंद्र परमहंस की समाधि को भव्य पर्यटक स्थल में तब्दील करने जा रही है । जिससे पूरी दुनिया से अयोध्या आने वाले पर्यटक राम मंदिर आंदोलन और उसमें योगदान देने वाले रामचंद्र परमहंस के बारे में जान सके और उनके बलिदान को हमेशा अपनी स्मृतियों में सहेजे रहेंगे।  राम मंदिर आंदोलन में अयोध्या के दिगंबर अखाड़े का खासा महत्व है यहीं से राम मंदिर आंदोलन की कार्ययोजना तय की जाती थी । यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के गुरु और गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ अक्सर इसी दिगंबर अखाड़े में रामचं

कलयुग में सोमनाथ को अपने भागीरथ का इंतजार

Image
भूलोक पर मानव जीवन जीने के लिए मर्यादा, धर्म, त्याग, तपस्या का जो संदेश चित्रकूट से दुनिया को मिला है, वह आपको कहीं और ढूंढने से भी नहीं मिल सकता। यह कथन उतना ही सत्य है, जितना सत्य यह है कि आप इन पंक्तियों को पढ़ रहे हैं। चित्रकूट के कण-कण में भगवत वास है। बस आपको उस स्तर तक जाकर उसको समझने, परखने और महसूस करने की जरूरत है। चित्रकूट की महिमा के बारे में किताबों के साथ-साथ घर में बुजुर्गों से मैं हमेशा सुनता रहा हूं।    ऐसा दूसरा मौका था जब मैं चित्रकूट गया। साल 2020 के आखरी दिनों में चित्रकूट में था। तीन दिन की चित्रकूट धाम की यात्रा के बाद मैं पुनः अयोध्या धाम अपने निवास वापस आ गया। लेकिन अपने बीते हुए कुछ दिनों के अनुभव को आप सबके सामने रखना बहुत जरूरी है।    चित्रकूट में वैसे तो लगभग हजारों की संख्या में मठों और मंदिरों की श्रृंखला है। लेकिन चित्रकूट के कुछ ऐसे अद्भुत, अविश्वसनीय, आकर्षक स्थान हैं, जो आज भी पर्यटकों और चित्रकूट आने वाले विभिन्न सनातन धर्मियों की पहुंच से दूर है। उसका मुख्य कारण है, चित्रकूट जिला प्रशासन का उन सभी जीवंत और पौराणिक स्थलों के प्रति घोर उदासीनता। पर वह