प्रतीक्षा 30 वर्ष की
कहा जाता है कि जो फिल्में हम सिनेमा हॉल या घरों में टेलीविजन पर देखते हैं उनमें से कुछ फिल्मों की कहानियां इंसानी जीवन से मिलती-जुलती हैं या किसी सच्ची घटनाओं पर आधारित रहती हैं बस उनके पात्र और घटनाओं की जगह को पर्दे पर परिवर्तित कर दिया जाता है, व्हाट्सएप ,फेसबुक, टि्वटर सोशल मीडिया के चरम युग में यह कहानी आपको बिल्कुल काल्पनिक लगेगी लेकिन यकीन मानिए इस कहानी के पात्र और यह किस्सा बिल्कुल सत्य घटना पर लिखी जा रही है, कई दिनों से इस घटना को शब्दों के द्वारा आप सब के मन मस्तिक तक पहुंचाने की पुरजोर प्रयास में लगा हुआ था खैर आज वह दिन आ गया है जब मैं आप सबको इस बेहद फिल्मी घटित घटना को आप सब के सामने अपने शब्दों के माध्यम से प्रसारित करने की कोशिश कर रहा हूं, मुझे नहीं पता कि मैं इस घटना को अपने शब्दों के माध्यम से कितना आप सबके समक्ष प्रस्तुत कर पाऊंगा लेकिन एक कोशिश कर रहा हूं, जिन लोगों के साथ यह बुरा दौर गुजरा है वह अभी इस धरा पर मौजूद है मुझे पता है शायद मेरे लेख को पढ़कर उन्हें तकलीफ भी महसूस होगी पर मुझे लगता है की इस कहानी को उन सब तक पहुंचाना भी बेहद जरूरी है, क्यो